मुर्गा \ इन्द्रजीत कमल - Inderjeet Kamal

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Sunday, 14 June 2015

मुर्गा \ इन्द्रजीत कमल

एक आदमी मुझे कहने लगा ,"आज हमने मुर्गा बनाया है |"
मैंने कहा ," बनाया तो कुदरत ने था , आप ने तो टुकड़े टुकड़े करके खत्म किया है |"

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