हमारे शारीर में बहुत सी बीमारियाँ पेट की गड़बड़ी से होती हैं | पेट की गड़बड़ी में सबसे ऊपर आती है – कब्ज |
जब पेट अच्छे से साफ़ न हो और मल आंतों में फसा रहे उस स्थिति को कब्ज कहते है | कब्ज के कारण (causes of constipation) स्वभाव में चिडचिडापन आता है और कई बार शरीर में थकान महसूस होती है और काम करने को भी मन नहीं करता | यदि आप कब्ज के कारणों को जान ले और अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाये तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है |
कुछ लोगो के दिन की शुरुआत चाय के बिना नहीं होती | कई लोगो को सुबह उठते ही बिस्तर पर चाय (bed tea) चाहिए नहीं तो मल त्यागने में परेशानी होती है | कुछ दिन में 1 से 2 बार तो कुछ लोग हर थोड़ी देर में चाय पीने के आदि होते है | बार-2 चाय पीना भी कब्ज का एक बहुत बड़ा कारण है | यदि आपको भी चाय पीने की लत है और आप कब्ज से परेशान है, तो इसे धीरे-2 कम या बंद कीजिये | जब भी चाय पीये तो साथ में कुछ जरुर खाए | खाली पेट कभी भी चाय का सेवन न करे |
अपने दिन की शुरुआत चाय की बजाये 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ कीजिये |
बिना डॉक्टरी परामर्श के अपनी मर्जी से कभी भी कब्ज की दवा न ले | किसी की सलाह पर अलग-2 दवाइयां खा कर अपनी कब्ज तो बीमारी का रूप न दे | एक साथ अलग-2 तरह ही दवाइयां न खाएं | ये दवाइयां शायद कुछ समय के लिए आपको कब्ज से छुटकारा दिला भी दे लेकिन यह कोई पक्का इलाज नहीं है | जैसा की आपको बताया गया है की कब्ज कोई बीमारी नहीं बल्कि आपकी जीवनचर्या की गड़बड़ी है, तो इसे दवाइयों की बजाये अपनी जीवनचर्या में बदलाव ला कर ठीक कीजिये |
त्रिफला, कब्ज तोड़ चूरन, इस्ब्घोल और भी ऐसी चीजे है जिनका उपयोग केवल बहुत ज्यादा इमरजेंसी में करे | इनका सेवन कभी भी लगातार और रोज न करे | यदि आप रोज इनका उपयोग करेंगे तो आपको इनके बिना शोच आना बंद हो जायेगा यानि कि आपको इनकी आदत हो जाएगी और आपके लीवर पर असर करेगा और ये लीवर की कार्यक्षमता में भी बाधा डालेगा |
अपने आहार में बीन्स, सब्जियां, फल, साबुत अनाज, अनाज और चोकर सहित उच्च फाइबर खाद्य (high fibre food) पदार्थों को शामिल करें।
पपीता और अमरुद बहुत ही गुणकारी और कब्ज तोड़ फल है | इन्हें अपने आहार में शामिल कीजिये | सुबह उठ कर आप पपीता या अमरुद चबा-2 कर खाए | अमरुद खाते समय उसका छिलका और गुद्दा चबा कर खाए और बीज को इसे ही निगल ले | अमरुद के बीज खाने से पेट दर्द की समस्या हो सकती है |
गाय के दूध से बना घी खाने से कब्ज में राहत मिलती है | रोज एक चम्मच गाये के दूध से बना घी अपने खाने में मिलाये और कब्ज से राहत पाए | रात के भोजन में यदि आप लोकी की सब्जी का सेवन करे तो उसमे गायें का घी मिला लीजिये | यह घी आपकी आँतों में जाकर उसमे जमे मल को बाहर निकाल कर आपको कब्ज से राहत दिलाएगा |
तो चलिए, आज बात करते है कब्ज की |
कब्ज के कारण और इलाज| How to Treat Constipation Naturally
भूखा रहने से (खासकर सुबह का नाश्ता न करने से), या कई बार बहुत अधिक खाने से | गलत आहार और खान पान के तरिके से आपको कब्ज का सामना करना पढता है | पहले आप ये जान ले कि कब्ज कोई बिमारी नहीं है, ये केवल आपकी खाने पीने में गड़बड़ी के कारण होता है | लेकिन बहुत से लोग है जो इसे बीमारी मान कर अलग-2 तरह के इलाज और दवाइयां खा कर इसे बिगाड़ लेते है | सबसे पहले जानते है कि कब्ज के कारण क्या हो सकते है और साथ ही जानते है कि इसे कैसे ठीक किया जा सकता है या होने से रोका जा सकता है |बार बार चाय पीना:
अपने दिन की शुरुआत चाय की बजाये 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ कीजिये |
कब्ज की दवा न ले:
त्रिफला, कब्ज तोड़ चूरन, इस्ब्घोल और भी ऐसी चीजे है जिनका उपयोग केवल बहुत ज्यादा इमरजेंसी में करे | इनका सेवन कभी भी लगातार और रोज न करे | यदि आप रोज इनका उपयोग करेंगे तो आपको इनके बिना शोच आना बंद हो जायेगा यानि कि आपको इनकी आदत हो जाएगी और आपके लीवर पर असर करेगा और ये लीवर की कार्यक्षमता में भी बाधा डालेगा |
चबा-2 कर खाना :
आपको यह जानना होगा कि हम जब भी खाना खाते है तो उसका पाचन आपके मुंह से ही शुरू हो जाता है नाकि पेट में जाकर | जब भी हम खाने को जल्दी-2 में खाते है और अच्छे से नहीं चबाते तो उसे पचाने में मुश्किल होती है और वह कब्ज का रूप ले लेता है | तो बहुत जरुरी है कि आप खाने को अच्छे से चबा कर खाए, ताकि मुंह की लार खाने के साथ मिलकर उसे पचाने में मदद करे |अपने आहार में बीन्स, सब्जियां, फल, साबुत अनाज, अनाज और चोकर सहित उच्च फाइबर खाद्य (high fibre food) पदार्थों को शामिल करें।
पपीते और अमरुद का सेवन करे:
खाने के तुरंत बाद पानी न पिए:
जैसा की पहले भी आपको पिछले आर्टिकल वज़न कम करना चाहते है तो अपनी जीवनशैली में लाईये ये 5 छोटे-2 बदलाव में बताया है कि खाने के तुरंत बाद पानी कभी न पिए, हमेशा खाने क 1 से 1.5 घंटे बाद ही पानी पिए | जब हम खाना खाना खाते है तो पेट की अग्नि उत्पन होती है जो पाचन क्रिया में मदद करती है और खाने को अच्छे से पचाती है| यह अग्नि 1 से 1.5 घंटे तक आपके पेट में रहती है, यदि आप खाने के तुरंत बाद पानी पीते है तो अग्नि शांत तो जाती है और पाचन क्रिया को मंद कर देती है |पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीएं:
खूब पानी पियें और तरल पदार्थो जैसे फलो का रस, छाछ आदि का सेवन करे| सुबह उठकर 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ अपने दिन की शुरुआत कीजिये | खाने के साथ पानी की जगह छाछ का प्रयोग कीजिये | ठन्डे पेय जैसे की फ्रिज का पानी और बाजार में मिलने वाले कोल्ड ड्रिंक (cold drink) का सेवन बंद करे |
गायें के दूध से बना घी अपने आहार में शामिल करे:
मल त्यागने की इच्छा को अनदेखा न करे :
भाग दोड़ की ज़िन्दगी में अक्सर हम मल त्यागने की इच्छा को अनदेखा कर देते है | जिसकी वजह से बाद में न तो समय पर पेट साफ़ होता है और मल आंतों में जमना शुरू हो जाता है | सुबह उठ कर समय पर मल त्यागे | यदि काम पर जाने की जल्दी है तो सुबह जल्दी उठे और सबसे पहले इस प्राकृतिक क्रिया को पूरण करे | इसे आप तरोताजा महसूस करेंगे और काम में भी अधिक मन लगेगा |
Bahot hi ache upaye bataye hai.
ReplyDeleteकब्ज ने जीना मुश्किल कर दिया है। जानकारी के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteBahut khoob
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