एक व्यक्ति दोनों हाथों से अपना पेट पकड़ कर मेरे क्लीनिक में दखल हुआ और बोला ," डाक्टर साहब पहले मेरी बात सुनो |"
मैंने पूछा ," दर्द हो रहा है ?"
बोला ," नहीं मेरे पेट में तीन औरतें बैठी बातें कर रही हैं !"
मरीज़ हसने लगे | मैंने पूछा ," कितने दिन हो गए ?"
कहने लगा ," एक साल हो गया है |"
मैंने कहा ," फिर कोई बात नहीं ! अगर एक वर्ष में कुछ नहीं हुआ तो इतनी जल्दी भी कुछ नहीं होता | थोड़ी देर बैठो फिर देखते हैं |"
फिर मैनें मरीजों से निबट कर उसकी राम कहानी सुनी और उसे तीन बार बुला कर सन्मोहित करके इस वहम से बहर निकला |
मैंने पूछा ," दर्द हो रहा है ?"
बोला ," नहीं मेरे पेट में तीन औरतें बैठी बातें कर रही हैं !"
मरीज़ हसने लगे | मैंने पूछा ," कितने दिन हो गए ?"
कहने लगा ," एक साल हो गया है |"
मैंने कहा ," फिर कोई बात नहीं ! अगर एक वर्ष में कुछ नहीं हुआ तो इतनी जल्दी भी कुछ नहीं होता | थोड़ी देर बैठो फिर देखते हैं |"
फिर मैनें मरीजों से निबट कर उसकी राम कहानी सुनी और उसे तीन बार बुला कर सन्मोहित करके इस वहम से बहर निकला |
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