धर्म , तलाक और औरत \ इंद्रजीत कमल - Inderjeet Kamal

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Sunday, 7 June 2015

धर्म , तलाक और औरत \ इंद्रजीत कमल

वो लगभग तीन वर्षों से मेरे मरीज़ हैं | कभी  कभी मियांबीबी आते तो कभी कभी उनकी दो छोटी छोटी बच्चीयां भी  साथ होती | जब से मैंने उनकी रिश्तेदारी में तीन चार बिगड़े हुए केस ठीक किए हैं , तब से उनका अंग्रेजी दवाई की बजाए होम्योपैथिक दवाई में विश्वास बड गया है | किसी भी छोटी मोटी बीमारी के लिए वो मेरे पास ही आते हैं |
                                          आज  उस समय अटपटा सा लगा , जब वह किसी और औरत और बच्चों के साथ दवाई लेने आया | मैंने आई औरत बारे जानना चाह तो उस ने कहा ," मेरी बीबी है |"
                                           मैंने पूछ ही लिया , " जो पहले आती थी , वो कौन थी ? " तो जवाब मिला कि वो भी उसकी बीबी थी | #KamlDiKalam

                                            मैं समझ गया कि इसकी दो बीवियां हैं | मैंने कहा ," हाँ तुम्हारे तो दो तीन बीवियां रखने की इजाज़त है |
                                           बोला ," नहीं , मेरे पास तो एक ही है !"
                                             मैंने फिर पूछ लिया ," तो पहली ?"
                                              " वो लड़ती , बहुत  थी | पिछले हफ्ते उस को छोड़  कर  इसे  ले  आया |" उसका ऐसा उत्तर सुन कर मैंने हैरानी से पूछा ," वो कहाँ गई ?"
                                                   " अपनी माँ के पास |" उसने बहुत सहज से उत्तर दिया |, लेकिन उस औरत के दोनों हाथों की उंगलिओं को पकड़े बिलखती हुई दो बेटिओं की  तसवीर मेरे ज़िहन में घूम गई और मैं अंदर तक हिल गया |
                                           

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