मैंने तो नमक देखा था \ इन्द्रजीत कमल - Inderjeet Kamal

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Sunday, 14 June 2015

मैंने तो नमक देखा था \ इन्द्रजीत कमल


एक बार हम अपने नानके ( ननिहाल ) गए | हमारे मामी जी ने सरसों का साग और मक्की की रोतीं बनाई | भूख बहुत लगी थी मगर हैरानी तब हुई जब मामी जी ने मक्की की दो रोटीयां ली और उन पर सरसों का साग डाल कर उसमें माखन डाल कर हाथ पर रख कर  खाने लगीं | गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन बच्चा होने के कारण डरता बोला ना | थोड़ी देर में मामी जी नें सब को रोटी खाने के लिए आवाज़ लगाई तो हम भाग कर पहुंच गए | मामी जी ने सब को रोटी दी और एक थाली में डाल कर खुद भी खाने  लगी | मैंने हैरान हो कर पूछ ही लिया ," मामी जी  आप ने तो थोड़ी देर पहले रोटी खाई थी !  " 
 मामी जी हस्ते हुए बोले ," मोया , वो तो मैंने नमक देखा था !"

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