मानसिक रोग \ इन्द्रजीत कमल - Inderjeet Kamal

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Thursday, 11 June 2015

मानसिक रोग \ इन्द्रजीत कमल


                                                                     मानसिक रोग कई तरह के हो सकते हैं | कई बार एक मानसिक रोगी को पता ही नहीं चलता कि वो क्या कह रहा है यां ऐसे कह लो कि उसे वहम हो जाता है कि जो वो कह या कर रहा है वोही ठीक है बाकी सारे गलत हैं | उसमें उसका कोई कसूर नहीं होता बल्कि उसकी मानसिक स्थिति  ही ऐसी होती है कि उसकी पकड़ से बाहर  होती है | #KamalDiKalm
                                                            हम सभी थोड़े बहुत मानसिक रोगी होते हैं | दुसरे की मानसिक रोगी की हरकतों का मज़ा ले कर उसे और हरकतें करने के लिए बाधित करना भी एक मानसिक रोग ही है , मगर इस के ऊपर हम थोड़ी सी कोशिश से ही काबू पा सकते हैं , क्योंकि इस ब्रेक हमारे हाथ में है | 
                                                         एक मानसिक रोगी को हम काफी हद तक उसके साथ्किए जा रहे व्योव्हार से काबू कर सकते हैं | अगर हम उससे हमदर्दी करने  की बजाए तमाशबीन बनकर मज़ा लेंगे तो उसकी स्तिथि और भी बिगड़ सकती है | मानसिक रोगी होने में पढ़े लिखे या अनपढ़ का कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि दिमाग उसका ही खराब होगा जिसके पास होगा , जिसके पास है ही नहीं उसका खराब क्या होगा !! 

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