यम \ इन्द्रजीत कमल - Inderjeet Kamal

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Friday 8 February 2019

यम \ इन्द्रजीत कमल

मेरे एक दोस्त के पिता जी बीमार हो गए , मैं उन क पता लेने हस्पताल चला गया |मेरा दोस्त हस्पताल के बाहर  ही अपने जीजे के साथ खड़ा मिल गया |सरसरी बातचीत के बाद मैंने हस्पताल के अंदर जाकर पता लेने की इच्छा जताई तो मेरा दोस्त अपने जीजे को कहने लगा ,"जीजा जी , आप तो फिर यहाँ ही रुको हम आते हैं |हम अंदर चले गए तो बातचीत करते करते काफी समय लग गया |दोस्त के पिता जी काफी ठीक थे |
दोस्त के घर से चाय पानी आ गया | जब सब को चाय दी जाने लगी तो मैंने उठते हुए कहा ," मैं जीजा जी को बुला कर  लाता हूँ , वो भी चाय पी लेंगे |"
इतना सुनते ही सारा परिवार घबराह सा गया | " नहीं नहीं उसके लिए  वहीं भेज देते हैं |" मेरा दोस्त चाय का कप और बिस्कुट वगैरह लेकर बहर चला गया |मैं हैरान परेशान सा सोचता रहा मगर बोला कुछ न |बाहर  आ कर मैंने अपने दोस्त से कारण  पूछा तो उसने बताया ," हमारे  बनियो में जमाई को यम कहते हैं , इस लिए बीमार सास ससुर के सामने नहीं होने देते |

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