ऐ मालिक बड़े गंदे हम
हमे आए जरा न शर्म
हम घोटाले करें
ना जरा भी डरें
सब ही ऐसे हमारे कर्म
पशु चारा कोई खा रहा
देश का नाम चमका रहा
नेता जितना बड़ा
हाजमा भी कड़ा
टीवी यूरिया भी करदें हजम
ऐ मालिक बड़े गंदे हम
सारी दुनीआं हमे जानती
अक्ल का लोहा है मानती
हम विओपारी हैं सब
बेचा करते हैं रब
देश भी बेच सकते हैं हम
ऐ मालिक बड़े गंदे हम
जब वोटों का हो सामना
तब कटोरा पड़े थामना
हम भिखारी बने
तब न सीना तने
वोटरों के हम चूमे कदम
Rightly said. Very nice.
ReplyDeleteBahoot ache.
ReplyDeleteInderjit ji I am fan of your writing and take direction of knowledge of your own life experience.
ReplyDeleteਧੰਨਵਾਦ ਜੀ
Deletewow..! ise kehte hai sach ka samna... amazing
ReplyDelete